संजय लीला भंसाली की हीरामंडी तवायफों की लाइफ के इर्द-गिर्द घूमती है

इससे पहले भी संजय कईं बार तवायफों की ऊपर फिल्में बना चुके हैं

तवायफों के ऊपर बार बार फिल्में बनाने का संजय का एक बड़ा रीजन है

फिल्मीबीट को दिए एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने इसपर खुलकर बात की

संजय मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में पैदा हुए थे

उन्होंने बताया कि जो आप बचपन में देखते हैं उसका आप पर गहरा असर पड़ता है

बचपन से ही उन्हें विश्वास नहीं होता था कि किसी इंसान का रेट 20 रूपए कैसे हो सकता है

वे इसपर सोचते थे पर कभी भी किसी को ढंग से कह नहीं पाते थे

और इसका जवाब उन्होंने 'देवदास' की चंद्रमुखी से खोजने की सोची

उन्होंने ये भी कहा कि हर इंसान बेशकीमती होता है और 5-10 रुपए में नहीं बिक सकता