हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच और स्वीकार्यता भारत में लंबे समय से बड़ा मुद्दा है



लोकल सर्कल्स के एक सर्वे के अनुसार, इस स्थिति में खास सुधार नहीं हुआ है



पिछले 3 साल में लगभग हर दूसरे ग्राहक को क्लेम करने में दिक्कतें आई हैं



किसी का क्लेम रिजेक्ट हो गया तो किसी को सीमित रकम का भुगतान हुआ



बीते 3 साल में दिक्कतों का सामना करने वाले ग्राहक 43 फीसदी हैं



सर्वे के अनुसार, इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम पास करने में देरी करती हैं



इससे लोगों को अस्पतालों में भर्ती व डिस्चार्ज के लिए वेट करना पड़ जाता है



इंश्योरेंस कंपनियों के द्वारा जटिल तरीके से जानकारी देना



एक्सक्लुजन और एलिजिबिलिटी के बारे में साफ-साफ नहीं बताना



पॉलिसीहोल्डर्स इन्हें क्लेम में दिक्कतों का प्रमुख कारण मानते हैं