इस्लामिक अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में गिने जाने वाले मक्का-मदीना के बारे में आप कितना जानते हैं? हर साल लाखों मुस्लिम यहां हज को जाते हैं. जानिए क्या कोई हिंदू भी यहां जा सकता है...?



मक्का शहर सउदी अरब में है. इसे इस्लाम का सबसे पवित्र शहर माना जाता है. यहां पर मुसलमानों की विशाल मस्जिद है, जिसे अल-हरम मस्जिद (Great Mosque of Mecca) कहा जाता है. यहां केवल मुसलमानों को जाने की अनुमति है.



मक्का को इंग्लिश में Mecca और अरबी में मक्काह (Makkah al-Mukarramah) कहते हैं. ये पश्चिमी शहर सऊदी अरब के हेजाज़ इलाके में पड़ता है.



सन् 966 से लेकर 1924 तक, मक्का में कबीलों के अधीन था. आधुनिक काल में सउदी हुकूमत ने इसका विस्तार और पुननिर्माण किया.



इस इस्लामिक-स्थल की आधारशिला अब से लगभग डेढ हजार साल पहले हजरत मुहम्मद साहब ने रखी थी. इतिहासकारों के अनुसार, मुहम्मद साहब का जन्म अरब के रेगिस्तान में 8 जून, 570 ई. में हुआ था, उसी जगह को बाद में मक्का कहा गया.



हजरत मुहम्मद साहब वो शख्सियत थे, जिनके उपदेशों से इस्लाम स्थापित हुआ. उन्होंने दुनिया में अमन और मोहब्बत का पैगाम दिया और अल्लाह को सर्वोच्च माना. इसलिए उन्हें पैगंबर मुहम्मद कहा गया.



अरबी में 'मुहम्मद' का अर्थ होता है 'जिसकी अत्यन्त प्रशंसा की गई हो'. मुहम्मद साहब के पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम आमिना था.



पैगंबर मुहम्मद ने जहां अल्लाह की नमाज अदा की, उस स्थल पर कुछ चमत्कार हुए थे. अब वहां चौकोर कमरेनुमा आवास है, जिस पर काला लिहाफ चढ़ा है. उसे 'काबा' (The Kaaba) कहते हैं.



यहां जाने के लिए भारतीय या पाकिस्तानी मुसलमानों को बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है. हालांकि, कोई भी मुस्लिम अपने जीवनकाल में एक बार मक्का-मदीना जाने की ख्वाहिश जरूर रखता है.



सऊदी अरब इस्लामिक दुनिया का सबसे प्रभावी देश है. यहां केवल अल्लाह की प्रार्थना करने दी जाती है, जिसे नमाज अदा करना कहते हैं. यहां मूर्ति-पूजा की अनुमति नहीं है. कोई मुस्लिम ऐसा करते मिला तो उसे मौत की सजा दी जाएगी.



मक्का-मदीना में गैर मुस्लिमों के जाने पर इसलिए रोक है, क्योंकि अरब के शेख ये मानते हैं कि इस्लाम कुबूलने वाला ही अल्लाह की शरण में जाएगा. किसी और में काबलियत नहीं है. इसलिए सबसे मुस्लिम बनने के लिए कहा जाता है.



मक्का के प्रवेश द्वार पर कई चौकियां हैं जहां ये जांच की जाती है कि कोई गैर मुस्लिम तो नहीं घुस आया. यदि कोई व्यक्ति मुसलमान नहीं हुआ तो उसे कैद कर दंडित किया जाता है. और, भारी जुर्माना भी लगता है.