चैत्र पूर्णिमा का व्रत 5 अप्रैल 2023 को रखा जाएगा. उदयातिथि में पूर्णिमा का स्नान-दान 6 अप्रैल 2023 को होगा.

पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा होती है. इस दिन गलती से भी तुलसी न तोड़े, इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है.

चैत्र पूर्णिमा पर स्नान-दान का महत्व है. इस तिथि पर घर के द्वार पर आए व्यक्ति को खाली हाथ न लौटाएं. उसे कुछ भेंट करें.

पूर्णिमा पर गाय दिख जाए तो उसे भगाएं नहीं, चारा या ताजी रोटी खिलाएं. गाय के साथ बुरा बर्ताव करने वालों को धन हानि होती है.

पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्र देव है. चंद्रमा का संबंध मां और मामा से है इस दिन इन दोनों को अपशब्द न बोलें, इससे चंद्रदोष लगता है.

चैत्र पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी की पूजा करें तो इसमें तुलसी का प्रयोग न करें. लक्ष्मी जी की पूजा में तुलसी वर्जित है.

चैत्र की पूर्णिमा बुधवार और गुरुवार दोनों दिन है. इन दोनों दिनों में पैसों का लेन-देन न करें. इससे कर्ज बढ़ता है.

चैत्र पूर्णिमा पर भूलकर भी मदिरा, तामसिक भोजन न करें. मां लक्ष्मी जी और हनुमान बेहद रुष्ठ हो जाएंगे.