शत्रु को कभी कमजोर समझने की भूल न करें.



शत्रु आपकी हर गतिविधि पर बारीक नजर रखता है.



शत्रु आपकी गलतियों और कमजोरियां का लाभ उठाता है.



शत्रु को पराजित करना चाहते हैं तो गलत आदतों से दूर रहें.



अपनी योजनाएं हर किसी के साथ साझा न करें.



गलत संगत और गलत आदतें, शत्रु को वार करने का मौका देती हैं.

क्रोध और अहंकार से दूर रहें. शत्रु इसका सबसे अधिक लाभ उठाता है.



शत्रु दो तरह के होते हैं पहला शत्रु जो दिखाई दे, दूसरो वो जो छिपकर हानि पहुंचाए.



अपनी प्रतिभा और शक्ति में सदैव बढ़ोत्तरी करते रहना चाहिए. इससे शत्रु भयभीत रहता है.



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कभी किसी का अपमान न करें, वाणी में मधुरता बनाए रखें.