चाणक्य नीति के अनुसार हर व्यक्ति धनवान बनना चाहता है. लेकिन ये
इच्छा हर किसी की पूरी नहीं होती है. लक्ष्मी जी उसी को अपना आशीर्वाद
देती हैं जो इन बातों पर अमल करता है. लक्ष्मी जी को क्रोध करने वाले लोग
पसंद नहीं है, इसलिए क्रोध नहीं करना चाहिए. क्रोध में व्यक्ति सही और गलत
भेद भूल जाता है और सही निर्णय नहीं ले पाता है. इसलिए धनवान बनना चाहते हो
तो इस अवगुण का फौरन त्याग कर दें. अहंकार करने वालों को भी लक्ष्मी जी का
आशीर्वाद नहीं मिलता है. ऐसे लोग अपने करीबियों को भी शत्रु बना लेते हैं.
अहंकार करने वाले का कहीं सम्मान नहीं होता है, हर कोई इनसे दूरी बना लेता है.
अहंकार करने वालों को लक्ष्मी जी पसंद नहीं करती हैं.
मधुर वाणी और विनम्रता धारण करने वालों को लक्ष्मी जी अपना आशीर्वाद देती हैं.