आचार्य चाणक्य अनुसार हर जीव-जंतु में अपनी कुछ क्वालिटी होती हैं,



इसलिए एक इंसान भी उनसे बहुत कुछ सीख सकता है.



आचार्य चाणक्य के मुताबिक आप एक



गधे की लाइफ से भी काफी कुछ सीख सकते हैं.



गधा चाहें कितना भी थका क्यों न हो लेकिन निरंतर बोझा ढेता रहता है.



ऐसे ही आप भी अपनी तरक्की में आलस न आने दें.



चाहें कितनी ही गर्मी या ठंडा हो गधा काम करता रहता है.



ऐसे ही आपको परिस्थितियों के हिसाब खुद को बदलें.



गधे के अंदर कभी भी लालच का भाव पैदा नहीं होता.



ऐसे ही हर इंसान को जितना उसके पास है उतने में संतुष्ट होना चाहिए.