चाणक्य नीति कहती है जीवन में सफलता परिश्रम, अनुशासन और कुशलता से प्राप्त होती है.

जॉब, बिजनेस और कार्य क्षेत्र में सफलता तभी मिलती है जब व्यक्ति आलस से दूर रहता है.

क्रोध करने वालों को सफलता पाने में मुश्किल आती है. इससे दूर रहना चाहिए.

लोभ करने वाला व्यक्ति कभी संतुष्ठ नहीं रहता है, उसका चित्त अशांत रहता है.

नकारात्मक विचारों से दूर रहकर ही सच्ची सफलता प्राप्त होती है.

चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को प्रतिदिन एक नेक कार्य अवश्यक करना चाहिए.

सफलता में समय प्रबंधन का जो ज्ञान रखता है, उसे सफलता और सम्मान अवश्य प्राप्त होता है.

निंदा रस से दूर रहने वाला व्यक्ति सभी का प्रिय होता है, ऐसे लोगों पर लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है.

धोखा देने वालों को कभी लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है. ये बुरी आदत है. इससे दूर रहना चाहिए.

योजना बनाकर जो कार्यों को पूर्ण करता है वो सदैव अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं.