चाणक्य अनुसार संतान को श्रेष्ठ और सफल बनाना है तो



माता-पिता को आरंभ से ही ध्यान देना होगा.



चाणक्य अनुसार मां-बाप को पांच वर्ष की आयु तक



बच्चे को खूब प्यार और समझदारी से पालना चाहिए.



पांच वर्ष तक प्यार से उन्हें सही-गलत बताएं, उसके बाद सख्ती बरतें.



बच्चों के सामने ऐसी चीजें नहीं करनी चाहिए जो,



आप खुद अपने बच्चे से नहीं चाहते हैं.



बच्चे को कामयाब बनाने के लिए माता-पिता का भी संस्कारी होना जरूरी है.



घर का वातावरण हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए.