ये वही पार्क है जहां चंद्रशेखर आजाद शहीद हुए थे



युवा क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने देश के लिए हंसते-हंसते दे दिए थे अपने प्राण



अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए 27 फरवरी 1933 को ली थी आखिरी सांस



प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए यहीं खुद को मारी थी गोली



घंटे भर चली गोलीबारी में आखिर में चंद्रशेखर के पास बची थी एक ही गोली



चंद्रशेखर आजाद ने फिरंगियों के हाथों नहीं मरने का लिया था प्रण



इसलिए अल्फ्रेड पार्क के एक पेड़ के पास अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी



अल्फ्रेड पार्क अब अमर शहीद चंद्रशेखर पार्क के नाम से जाना जाता है



प्रयागराज में 133 एकड़ में बना ये पार्क उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा पार्क है



यहां कंपाउंड में बने इलाहाबाद म्यूजियम में रखी है वो रिवॉल्वर जिससे ली थी अपनी जान