चंद्रयान-3 मिशन के दो मुख्य उपकरण हैं- लैंडर और रोवर

लैंडर विक्रम के अंदर से प्रज्ञान रोवर भी बाहर आ गया

लैंडर और रोवर की जिंदगी सिर्फ 14 दिन बताई जा रही है

दरअसल, 14 दिन बाद चांद का ये हिस्सा अंधेरे में डूब जाएगा

इससे चांद पर तापमान माइनस 180 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा

इस तापमान पर इन सिस्टमों का सुरक्षित बने रहना संभव नहीं है

हालांकि, 14 दिन की अंधेरी रात के बाद चांद पर फिर सूरज उगेगा

इससे प्रज्ञान और विक्रम के फिर से सक्रिय होने की संभावना है

इसरो के प्रमुख डॉ सोमनाथ ने इस बारे में एक बयान में कहा था

'ये दोबारा सक्रिय हो जाते हैं तो हम इनके साथ फिर काम शुरू कर पाएंगे'