जब छत्रपति शिवाजी महाराज का सामना 7 फुट लंबे विशालकाय अफजल खान से हुआ था, इतिहास के पन्नों में दर्ज यह घटना आज आपको सुनाते हैं
दोनों के मिलने का समय 10 नवंबर, 1659 का तय हुआ था. अफजल खान अपने साथ 10 भरोसेमंद सैनिकों को लेकर गया
तम्बू में अफजल खान के पहुंचने के बाद शिवाजी अपने किले से नीचे उतरने लगे
जब अफजल खान ने शिवाजी को देखा तो चिल्लाकर कहने लगा एक साधारण जमीनदार का लड़का कैसे अपने तम्बू को सजा सकता है
जवाब देते हुए शिवाजी ने कहा ये गद्दे और कालीने उन्होंने अपने लिए नहीं बल्कि बीजापुर के प्रतिनिधि के स्वागत में लगाई हैं
यह बात सुनकर अफजल खान ने शिवाजी को गले लगाने के लिए हाथ फैला दिया
गले मिलते समय अफजल खान ने अपने बाएं हाथ से शिवाजी की गर्दन को जोड़ से जकड़ लिया था
अफजल खान के सामने शिवाजी का कद बहुत छोटा था. शिवाजी अफजल खान के कंधे तक ही आते थे
गर्दन जकड़ने के बाद अफजल खान ने अपने दाहिने हाथ से शिवाजी पर खंजर से वार किया, लेकिन शिवाजी पर कोई असर नहीं हुआ
बचाव में शिवाजी ने सबसे पहले अपने आप को आजाद कराया फिर अपनी बाईं हथेली में छिपा रखे वाघ-नख से अफजल खान की पीठ और दाएं हाथ में रखे बिछुए से पेट पर वार कर दिया