भारत के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत एक कार एक्सीडेंट में बाल-बाल बच गए पंत की जिंदगी, तमाम जद्दोजहद के बीच अपने हुनर को निखारने की कहानी है रुड़की में रहने वाले पंत का परिवार उन्हें दिल्ली क्रिकेट की टॉप एकेडमी में भर्ती कराना चाहता था पंत ने एक इंटरव्यू में अपने संघर्ष की कहानी बताई थी रुड़की से आए पंत परिवार के पास दिल्ली में रहने की जगह नहीं था ऐसे में मां-बेटा दोनों मोती बाघ के गुरुद्वारे में रहते थे इतना ही नहीं उनकी मां गुरुद्वारा में सेवा करती थी वहीं, ऋषभ अपने पिता के सपनों को आकार देने की कोशिश में लगे थे पंत ने अंडर-12 टूर्नामेंट में खेला और तीन शतक जमाकर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अवॉर्ड जीता क्लब के कोच ने जल्द ही उन्हें दिल्ली कैंट में एयरफोर्स स्कूल लेकर गए इसके बाद पंत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा पंत ने आगे चलकर भारतीय अंडर-19, भारत और आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान बने