बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान मोका (Mocha Cyclonic Storm) को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.



इस चक्रवातीय तूफान का असर दुनिया के सबसे बड़े रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप पर पड़ सकता है.



रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर स्थित है. जहां हजारों रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं.



वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन (WMO) के मुताबिक, बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर स्थित रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप को चक्रवाती तूफान बर्बाद कर सकता है.



WMO ने कहा है कि साइक्लोन के चलते अगर बाढ़ या लैंडस्लाइड होता है तो ये रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप को तबाह कर सकता है.



WHO ने कहा है कि वो रिफ्यूजी कैंप के लिए 33 मोबाइल मेडिकल टीमों, 40 एंबुलेंस के साथ-साथ इमरजेंसी सर्जरी और हैजा किट भिजवाएगा.



भारतीय मौसम विभाग IMD के मुताबिक, इस खतरे को देखते हुए बंगाल में NDRF की 8 टीमों और 200 बचावकर्मियों को तैनात किया गया है.



साइक्लोन को मोका नाम कैसे मिला?
इस तूफान का नाम यमन ने तय किया है.


लाल सागर से लगे यमन के तटीय शहर मोका/मुखा ने 500 साल पहले दुनिया के सामने मोका कॉफी पेश की थी.
इसी के नाम पर तूफान को मोका नाम दिया गया.