रुद्र आंधी-तूफान के अधिष्ठाता
देवता हैं.


रुद्र देव को देवराज इंद्र का
साथी भी कहा जाता हैं.


विष्णु पुराण के अनुसार रुद्रों का
उद्भव ब्रह्म जी की भृकुटी से हुआ था.


रुद्र भगवान शिव के एक
प्रारंभिक रूप है, जो विनाश के देवता भी हैं.


प्रायः रुद्र-शिव के रूप को
एक साथ चित्रण किया जाता है.


रुद्र देवता वैदिक वाङ्मय (ग्रंथ)
में एक शक्तिशाली देवता माने गये हैं.


ऋग्वेद में रुद्र की स्तुति 'बलवानों
में सबसे अधिक बलवान' कहकर की गयी है.


ऋग्वेद में ही इन्हें गौण देवता
के रूप में वर्णित किया गया हैं.


यजुर्वेद का रुद्राध्याय,
रुद्र देवता को समर्पित है.