कई बार आपने इस बात पर गौर किया होगा कि फांसी देते समय जल्लाद मुजरिम के कान में कुछ कहता है.



लेकिन ये दो शब्द जब जल्लाद बोल देता है उसके बाद वो किसी की नहीं सुनता.



इन शब्दों के बोलने के बाद जल्लाद सीधा मुजरिम को फांसी पर चढ़ाता है.



फांसी पर लटकाने से पहले जल्लाद दोषी के कान में उसके धर्म के मुताबिक बोलता है.



अगर मुजरिम हिंदू है तो जल्लाद दोषी के कान में राम-राम कहेगा,



साथ ही कहेगा मैं अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं.



वहीं अगर दोषी मुसलमान होगा, तो सलाम



साथ ही ये भी कहता है मैं आपके सत्य के राह पे चलने की कामना करता हूं।



जल्लाद इन बातों को मुजरिम के मुंह पर काला कपड़ा डालने के बाद कहता है.