मुगल बादशाह शाहजहां ने जामा मस्जिद को बनवाया था



जामा मस्जिद का निर्माण 1650 ई में शुरू हुआ था और 1656 ई में बनकर तैयार हुई



जामा मस्जिद में तीन विशाल द्वार, तीन गुंबद और दो मीनारें हैं



5 हजार से ज्यादा मजदूरों ने मिलकर जामा मस्जिद बनाई थी



जामा मस्जिद इस्लामी वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है



जामा मस्जिद में दक्षिण, पूर्व और उत्तर में मिलाकर कुल 3 दरवाजे हैं



जामा मस्जिद का दरवाजा एक लाल किला की तरफ, दूसरा दरीबा कलां की ओर तीसरा बाजार मटिया महल की तरफ खुलता है



इन दरवाजों पर पहुंचने के लिए 32, 32 और 36 सीढ़ियों को चढ़ना होता है



जामा मस्जिद 65 मीटर लंबी और 35 मीटर चौड़ी है



मस्जिद का निर्माण 6 साल में पूरा हुआ और इसे बनाने में उस वक्त करीब 10 लाख रुपये खर्च हुए थे