दिल्ली के नेहरू प्‍लेस में स्थित लोटस मंदिर जिसे लोटस टेंपल के नाम से जाना जाता है

ये एक बहाई उपासना मंदिर है

यहां न ही कोई मूर्ति है और न ही किसी प्रकार की पूजा पाठ की जाती है

लोग यहां सिर्फ घूमने व शांति और सुकून का अनुभव करने के लिए आते हैं

इसका निर्माण सन 1986 में किया गया था

इसे 20वीं सदी का ताजमहल भी कहा जाता है

इसका निर्माण बहा उल्‍लाह ने करवाया था, जो कि बहाई धर्म के संस्‍थापक थे

इसलिए इस मंदिर को बहाई मंदिर भी कहा जाता है

यहां सभी धर्म के लोग आते हैं

इस मंदिर के आधे खिले कमल की आ‍कृति में संगमरमर की 27 पंखुड़ियों से बनाया गया है, जो कि 3 चक्रों में व्‍यवस्थित हैं

मंदिर चारों ओर से 9 दरवाजों से घिरा है और बीचोंबीच एक बहुत बड़ा हॉल स्थित है

जिसकी ऊंचाई 40 मीटर है इस हॉल में करीब 2500 लोग एक साथ बैठ सकते हैं