भारत में कई जगहों पर कोयला का खदान है



देश में एक शहर ऐसा भी है जिसे कोयले की राजधानी भी कहा जाता है



यह शहर इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स का भी घर है



जो भारत के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग स्कूलों में से एक है



इसमें कई इंजीनियरिंग कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान हैं, जो इसे शैक्षिक विकास के लिए भी एक लोकप्रिय स्थल बनाते हैं.



यहां से हर रोज लाखों टन कोयले दूसरे राज्यों में सप्लाई किया जाता है



इश शहर की स्थापना 1869 में हुई थी, जब दो रेलवे लाइनें एक कोयला खदान से मिलती थीं.



यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों में से एक है



धनबाद को भारत की कोयला राजधानी के रूप में जाना जाता है



इस शहर को मूल रूप से धनसार के नाम से जाना जाता था, लेकिन 1914 में इसका नाम बदलकर धनबाद कर दिया गया