जमाने से लोगों की पसंद रहा हीरा हमेशा बेशकीमती रहा है



हालांकि हाल-फिलहाल में इसकी कीमतों में कमी देखी गई है



पिछले एक साल में तो हीरे के भाव आधे रह गए हैं



प्राकृतिक हीरों की कीमतों में 30 फीसदी की गिरावट आई है



जबकि लैब में बनाए जाने वाले हीरे 50 फीसदी तक सस्ते हो गए हैं



इसके लिए बाजार में डिमांड से ज्यादा सप्लाई को जिम्मेदार माना जा रहा है



इसके अलावा भू-राजनीतिक अस्थिरता ने भी डिमांड को प्रभावित किया है



जबकि आर्थिक अनिश्चितता और मंदी की आशंका से भी प्रतिकूल असर हुआ है



इसके चलते भारत के हीरा कारोबार पर असर होने लग गया है



आपको बता दें, हर 10 में से 9 हीरे भारत में ही तराशे जाते हैं