इस बार लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर को शाम 06:10 से 8:00 बजे तक है. दिवाली पूजन के लिए पहले चौकी पर लाल रंग का आसन बिछाएं और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. साथ ही भगवान कुबेर, मां सरस्वती और कलश की स्थापना भी करें. गंगाजल छिड़कर जगह की शुद्धी करें और हाथ में फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें. गणेश बीज मंत्र - ऊं गं गणपतये नम: का जाप करते हुए गणेश जी को सिंदूर का तिलक और दूर्वा चढ़ाएं. फिर कलश पूजन करते हुए मौली बांधे, गंगाजल भर आम के पत्ते और नारियल रखें. कलश को जनेऊ, फल-फूल, रोली, अक्षत चढ़ाएं, गोबर से गौरा बनाकर सिंदूर चढ़ाएं. इसके बाद मां लक्ष्मी को रोली से तिलक करते हुए, उन्हें धूप-दीप और वस्त्र चढ़ाएं. इस दिन मां लक्ष्मी के श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए और धन कुबेर, मां सरस्वती का पूजन करें. गणेश-लक्ष्मी को खील-बताशे, नैवेद्य, पान-सुपारी,फल, पंचामृत का भोग लगाएं. अंत में आरती कर प्रसाद बांटे.