भारत का इतिहास जितना पुराना है उतनी ही इसमें विविधता रही है मुग़लों का दौर भारत में 1526 में शुरू हुआ था हुमायूं अपने पिता की मौत के वक़्त दिल्ली की गद्दी पर बैठा था हुमायूं के सामने बहुत बड़ी चुनौतियां थी वहीं सबसे बड़ी चुनौती थी समुन्द्र के किनारे बसे गुजरात से जहां शासक “बहादुर शाह” ने उसे चुनौतियों में उलझा रखा था इतिहासकारों के अनुसार उस वक़्त मेवाड़ की संरक्षक रानी कर्णवती ने हुमायूं को राखी भेजा था रानी कर्णवती ने बहादुर शाह के जुल्मों से अपने “भाई” से रक्षा की गुहार लगाई थी जिसे पूरा करने के लिए हुमायूं ने मेवाड़ की तरफ अपने घोड़े दौड़ा दिये थे लेकिन अफसोस अपनी “बहन” को बचाने में हुमायूं नाकामयाब रहा.