तारे टूटने को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं लगभग हर संस्कृति में टूटता तारा शुभ माना जाता है आसमान में टिमटिमाते तारे आकार में बहुत छोटे नजर आते हैं मगर असल में वो आकार में धरती से बहुत बड़े होते हैं उनका धरती पर गिरना बहुत ही खतरनाक हो सकता है हम जिसे टूटता हुआ तारा समझते हैं दरअसल वो उल्का होते हैं अंतरिक्ष में लाखों उक्लापिंड घूमते रहते हैं कभी-कभी ये धरती के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं वायुमंडल में प्रवेश करते ही ये तेजी से नीचे गिरते हैं घर्षण के कारण इनमें आग लग जाती है जिसकी वजह से ये चमक उठते हैं इस वजह से टूटता हुआ उल्का, टूटते हुए तारे जैसा दिखता है