हिंदू धर्म ग्रन्थों में 84 लाख योनियों का वर्णन मिलता है. पद्म पुराण के एक श्लोक के अनुसार पता चलता है, कि 84 लाख योनियों में कौन- कौन सी योनियां शामिल हैं. जलज नव लक्षाणी, स्थावर लक्ष विम्शती, कृमयो रुद्र सख्यक: पक्षिणाम दश लक्षणं, त्रिन्शल लक्षानी पशव:, चतुर लक्षाणी मानव: थलचर यानी की भूमि में रहने वाले जीव जंतुओं की 30 लाख योनियां हैं. 9 लाख योनियां जल में रहने वाले जीव-जंतुओं की और 10 लाख योनियां आकाश में रहने वाले पक्षियों की हैं. 11 लाख योनियां कीड़े-मकौड़ों की हैं. 80 लाख में से देवता, दैत्य, दानव और मनुष्य की योनियां 4 लाख हैं.