उत्तराखंड का लोहाघाट द्वापर युग की एक महत्वपूर्ण घटना से नाता रखता है

साथ ही यह गांव प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है

भगवान श्रीकृष्ण अपने पोते को कैद से छुड़ाने के लिए युद्ध किया था

इस गांव में बहने वाली नदी को लोहावती नदी कहा जाता है

श्रीकृष्ण और बाणासुर के बीच हुए युद्ध के कारण इस नदी का रंग खून से लाल हो गया

जिस कारण इसे लहुवति नदी कहा जाने लगा

यही नाम समय के साथ बदलते हुए लोहावती हो गया

इस नदी के एक तरफ राक्षस बाणासुर का किला है तो दूसरी तरफ उसके वंशजों का गांव

आज भी उत्तराखंड में बाणासुर के किले की दीवारें मौजूद हैं

बाणासुर राक्षस था लेकिन भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था

उनके वंशजों का कहना है कि इस किले में आज भी बाणासुर का खजाना मौजूद है