दाल बाटी चूरमा राजस्थान की फेमस डिश है

ऐसे में आइए जानते हैं राजस्थान की दाल बाटी चूरमा क्यों है खास

इस डिश की उत्पत्ति मेवाड़ साम्राज्य के संस्थापक बप्पा रावल के शासनकाल में हुई थी

उस समय में बाटी को युद्ध के भोजन के रूप में खाया जाता था

दरअसल, युद्ध में जाने से पहले सैनिक आटे को रेत में दबाकर चले जाते थे

युद्ध से लौटने के बाद गुंथा हुआ धूप के कारण पक जाता था

जिसके बाद सैनिक बाटियों को घी में मिलाकर खाया करते थे

बाटी में दाल और चूरमें को बाद में जोड़ा गया

चूरमें का आविष्कार तब हुआ जब मेवाड़ के रसोइए ने गलती से बाटियों पर गन्ने का रस डाला

इसके बाद से लोग चूरमें और बाटी को साथ में खाने लगे.