अधिकांश लक्ज़री गाड़ियों में प्राइमरी रिवर्स कैमरा 12 से 16 मेगापिक्सेल के बीच होता है, जो उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्रदान करता है.

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ये सिस्टम आमतौर पर 5 से 12 मेगापिक्सेल के कैमरों का उपयोग करते हैं, ताकि वाहन के चारों ओर की संपूर्ण दृश्यता प्रदान की जा सके.

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एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS)

इन सिस्टम में उपयोग किए जाने वाले कैमरे आमतौर पर 12 से 20 मेगापिक्सेल तक होते हैं, जो सड़क के संकेत, लेन मार्कर और अन्य महत्वपूर्ण डेटा को पहचानने में मदद करते हैं.

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कुछ लक्ज़री गाड़ियों में फ्रंट कैमरा भी होता है, जो 8 से 12 मेगापिक्सेल का हो सकता है, जो पैदल चलने वालों और अन्य वाहनों की पहचान के लिए उपयोगी होता है.

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नाइट विजन सिस्टम में लगे कैमरे 12 मेगापिक्सेल तक हो सकते हैं, जो रात के समय बेहतर दृश्यता के लिए इनफ्रारेड तकनीक का उपयोग करते हैं.

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उच्च मेगापिक्सेल वाले कैमरे स्पष्ट और विस्तृत छवियां प्रदान करते हैं, जिससे ड्राइवर को बेहतर दृष्टि मिलती है और पार्किंग या चलने में आसानी होती है.

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लक्ज़री गाड़ियों में कैमरों में अक्सर उन्नत सेंसर टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है, जो कम रोशनी में भी उच्च गुणवत्ता वाली छवियां कैप्चर कर सकते हैं.

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कई लक्ज़री गाड़ियों में लगे कैमरे 1080p या 4K वीडियो रिकॉर्डिंग की क्षमता रखते हैं, जिससे दुर्घटनाओं या घटनाओं के साक्ष्य बनाए जा सकते हैं.

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इन कैमरों में स्मार्टफोन या अन्य उपकरणों के साथ कनेक्टिविटी के लिए वाई-फाई और ब्लूटूथ फीचर्स भी होते हैं, जिससे लाइव फीड प्राप्त की जा सकती है.

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लक्ज़री गाड़ियों में लगे कैमरे सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जिससे ड्राइवर को सुरक्षित ड्राइविंग अनुभव मिलता है.

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