एक Electric Locomotive (इंजन) की बिजली खपत उसके मॉडल और पावर पर निर्भर करती है, और यह औसतन 3,000 से 6,000 किलोवाट प्रति घंटा (kWh) हो सकती है.
Published by: एबीपी टेक डेस्क
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November 10, 2024
भारतीय रेलवे में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव जैसे WAP-7 या WAG-9 की क्षमता 6,000-7,000 हॉर्सपावर (HP) तक होती है, जिससे उनकी खपत अधिक होती है.
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November 10, 2024
खपत इस पर निर्भर करती है कि इंजन कितने भार (डिब्बों) को खींच रहा है और उसकी गति कितनी है. अधिक भार और उच्च गति पर ज्यादा ऊर्जा लगती है.
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November 10, 2024
एक औसत इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव सामान्यतः 4,500 से 5,000 किलोवाट-घंटा (kWh) बिजली एक घंटे में खपत करता है.
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November 10, 2024
मालगाड़ी (फ्रेट) खींचने वाले इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स आमतौर पर अधिक ऊर्जा खपत करते हैं क्योंकि वे भारी सामान ढोते हैं, जबकि यात्री ट्रेनें तुलनात्मक रूप से कम ऊर्जा खपत करती हैं.
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November 10, 2024
अगर लोकोमोटिव 60-80 किमी/घंटा की सामान्य गति पर चलता है, तो उसकी खपत कम होती है, जबकि 100 किमी/घंटा से अधिक की गति पर खपत बढ़ जाती है.
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November 10, 2024
इलेक्ट्रिक इंजनों में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम होता है, जिससे ब्रेक लगाने पर ऊर्जा की कुछ मात्रा वापस सिस्टम में भेजी जा सकती है, जिससे कुल खपत में कमी आती है.
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November 10, 2024
अलग-अलग मौसम और रेलवे ट्रैक की स्थिति भी खपत को प्रभावित करते हैं, जैसे कि ढलान या चढ़ाई पर खपत बढ़ जाती है.
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November 10, 2024
कुछ नए इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स में इकोनॉमी मोड की सुविधा होती है, जो सामान्य ऑपरेशन में बिजली की खपत को नियंत्रित करता है.
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November 10, 2024
कुशल ड्राइविंग और नियमित मेंटेनेंस से बिजली की खपत को लगभग 10-15% तक कम किया जा सकता है, जिससे एक घंटे में खपत कम होती है.