Vaping एक प्रक्रिया है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (वेप पेन या ई-सिगरेट) का उपयोग करके लिक्विड को वाष्प (वapor) में बदला जाता है, जिसे व्यक्ति सांस के जरिए अंदर लेता है.
Published by: एबीपी टेक डेस्क
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December 5, 2024
इसमें निकोटिन, फ्लेवरिंग एजेंट्स, प्रोपाइलीन ग्लाइकोल और वेजिटेबल ग्लिसरीन होता है. कुछ वेप्स में निकोटिन न भी हो सकता है.
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December 5, 2024
वेपिंग के लिए ई-सिगरेट, वेप पेन, मॉड्स या पोड सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है.
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December 5, 2024
डिवाइस में एक बैटरी से हीटिंग कॉइल को गर्म किया जाता है, जो लिक्विड को वाष्प में बदल देता है.
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December 5, 2024
वेपिंग में विभिन्न प्रकार के फ्लेवर्स जैसे फलों, मिठाई और मेंथॉल का उपयोग किया जाता है, जिससे इसे अधिक आकर्षक बनाया जाता है.
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December 5, 2024
पारंपरिक सिगरेट के विपरीत, वेपिंग में धुआं नहीं होता, बल्कि वाष्प उत्पन्न होती है, जिससे कम हानिकारक होने का दावा किया जाता है.
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December 5, 2024
वेपिंग निकोटिन की लत लगा सकता है और इससे फेफड़ों और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा हो सकता है.
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December 5, 2024
कुछ वेपिंग डिवाइस स्मार्ट फीचर्स के साथ आते हैं, जैसे ब्लूटूथ कनेक्टिविटी और पफ ट्रैकिंग.
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December 5, 2024
आकर्षक फ्लेवर और आसान उपलब्धता के कारण यह युवाओं और किशोरों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
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December 5, 2024
कई देशों में वेपिंग पर प्रतिबंध है या इसे सख्त नियमों के तहत नियंत्रित किया गया है, खासकर सार्वजनिक स्थानों पर.