2 अक्टूबर को गांधी जयंती है. इस दिन देश-दुनिया में अंतरराष्ट्रीय
अंहिसा दिवस के रूप में मनाया जाता है.


गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था,
लोग उन्हें बापू गांधी भी कहते थे.


गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ और उनकी मृत्यु
30 जनवरी 1948 में हुई.


कहा जाता है कि, मृत्यु से बापू ने आखिरी बार ‘हे राम’ कहा था. हालांकि
यह बहस का विषय रहा है.


शास्त्रों में कहा गया है कि, जो व्यक्ति अंतिम क्षण में ईश्वर का स्मरण करता है या नाम लेता है,
उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.


मृत्यु के समय आत्मा शरीर से अलग होता है. ऐसे समय में व्यक्ति जो छवि मन में बनाता है,
उसी रूप में अगला जन्म पाता है.


अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम्।
य: प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशय: ।। गीता 8/5।।


अर्थ है- जो देहाध्यास के अंतकाल में मेरा स्मरण करता है,
वह मेरे ही भाव को प्राप्त होता है.


लेकिन प्रश्न यह उठता है कि, यह कैसे पता चलेगा कि किसका अंतकाल कब है,
हो सकता है अगला पल ही अंतकाल हो.


इसलिए व्यक्ति को हमेशा ईश्वर को याद करते रहना चाहिए.
ऐसे लोग अंत में ईश्वर को ही प्राप्त होते हैं.