बप्पा के कुछ ऐसे गुण हैं जिसमें सुखी जीवन का राज छिपा है.



गणेश जी हमेशा अपने कर्तव्य को प्राथमिकता देता है. इसके लिए
उन्होंने पिता शिव से भी युद्ध किया था.


कर्तव्य को हर काम से ऊपर रखें. ये गुण सिखाता है कि जो
व्यक्ति लक्ष्य से नहीं भटकता खुशियां खुद उसके द्वार आती हैं.


माता-पिता के चक्कर लगाक बप्पा ने बताया था कि इनसे
बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं. इनकी खुशी में ही आपकी खुशी है.


महाकाव्य अधूरा न रह जाए इसके लिए गणेश जी ने अपने
दांत को तोड़कर पूरी महाभारत एक बार में लिखी थी.


ये गुण सिखाता है कि त्याग और कार्य को पूरा करनी
की ललक व्यक्ति को जीवनभर का सुख देती है.


सफलता पानी हो तो ज्ञान और बुद्धि का कब, कैसे इस्तेमाल
किया जाए, गणेश जी इसका सटीक उदाहरण हैं.


गणेश जी बहुत चंचल माने जाते हैं वह खेल-कूद के साथ
अपने काम के प्रति कभी लापरवाही नहीं बरतते थे.


इस गुण से सीख मिलती है कि खुशहाल जीवन के लिए संतुलन
बुहत जुरुरी है