कहा जाता है कि शरीर नश्वर है लेकिन आत्मा अमर होती है. कहा जाता है कि शरीर नश्वर है लेकिन आत्मा अमर होती है.

मृत्यु के बाद आत्मा तुरंत शरीर त्याग देती है. यमदूत उसके गले में पाश बांधकर उसे यमलोक ले जाते हैं.

गुरुड़ पुराण के अनुसार 24 घंटे बाद आत्मा दोबारा अपने परिवार के बीच आती है और 13 दिन तक उनके साथ होती है.

इसके पीछे वजह उसका अपने परिवार के प्रति मोह होता है. यहां आत्‍मा अपने परिजनों के बीच भटकती है.

पिंडदान के समय दिया गया भोजन आत्‍मा को 1 साल तक शक्ति देता रहता है.

10वें दिन पिंडदान जरुरी माना जाता है, क्योंकि इससे आत्मा को यमलोक तक यात्रा करने की शक्ति मिलती है.

कहते हैं 10वें या 13वें दिन के बाद आत्मा दूसरा शरीर धारण कर लेती है.

जो लोग मृत्यु के बाद मृतक का पिंडदान नहीं करते उनकी आत्मा को बेहद कष्ट झेलते हुए यमलोक जाना पड़ता है.