गौतम बुद्ध ने अपने उपदेशों
में दुख दूर करने के लिए 8 आसान मार्ग बताए हैं.


जिन्हें अष्टांग मार्ग कहा जाता है.
इन मार्गों का अभ्यास करने से हम दुख से मुक्त हो सकते हैं.


सम्यक दृष्टि-
सही नज़रिये से देखना. इसका अर्थ है कि हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को सही नज़रिए से देखना चाहिए.


सम्यक संकल्प-
सही उद्देश्य बनाना. इसका अर्थ है कि हमें जीवन में अपने उद्देश्यों को सही ढंग से अनुकूल बनाना चाहिए.


सम्यक वाक-
सही वचन बोलना. इसका अर्थ है कि हमें जीवन में सही वचन बोलने का प्रयास करना चाहिए.


सम्यक कर्म-
सही कार्य करना. इसका अर्थ है कि हमें जीवन में सही कार्य करने का प्रयास करना चाहिए.


सम्यक आयु-
सही जीवनशैली अपनाना. इसका अर्थ है कि हमें जीवन में सही जीवनशैली अपनाने का प्रयास करना चाहिए.


सम्यक व्यायाम-
सही शारीरिक व्यायाम करना. इसका अर्थ है कि हमें जीवन में सही शारीरिक व्यायाम करने का प्रयास करना चाहिए.


सम्यक स्मृति-
सही स्मृति रखना. इसका अर्थ है कि हमें जीवन में सही स्मृति रखने का प्रयास करना चाहिए.


सम्यक समाधि-
सही ध्यान करना. इसका अर्थ है कि हमें जीवन में सही ध्यान करने का प्रयास करना चाहिए.