सवाई राजा जयसिंह द्वितीय एक किला बनवा रहे थे

उन्होंने 1734 में नाहरगढ़ किले का निर्माण करवाया था

इस किले का निर्माण सुरक्षा के लिए करवाया गया

दरअसल किले के निर्माण के दौरान कुछ अजीब घटनाएं सामने आ रहीं थी

भूतों के खौफ से किले का निर्माण रोक दिया गया

बाद में पता लगा कि यह जगह राजा नाहर सिंह भोमिया की है

लोगों का मानना था कि उनकी आत्मा की वजह से निर्माण में दिक्कतें आ रही थी

जिसके बाद सवाई राजा जयसिंह ने राजा नाहर के लिए एक छोटा सा महल का निर्माण करवाया

कहा जाता है कि उनके लिए महल बनाए जाने के बाद निर्माण में कभी कोई दिक्कत नहीं आई

इस किले का पहले नाम सुदर्शनगढ़ था

राजा की आत्मा के किस्से के बाद इसका नाम बदलकर नाहरगढ़ कर दिया गया