स्पेस स्टेशन में पानी की कमी होती है इसलिए हर बूंद को रिसाइकिल करना पड़ता है

एस्ट्रोनॉट्स का पसीना भी बेकार नहीं जाने दिया जाता

पसीने को एक विशेष चेंबर में इकट्ठा किया जाता है

इस चेंबर में केमिकल्स के जरिए पसीने को साफ किया जाता है

साफ किया हुआ पसीना फिर से पीने लायक पानी में बदल जाता है

स्पेस स्टेशन में डी-ह्यूमिडिफायर भी लगा होता है

ये डी-ह्यूमिडिफायर केबिन में से नमी को अब्जॉर्ब करता है

इस नमी को भी रिसाइकिल करके पानी बनाया जाता है

इस तरह एस्ट्रोनॉट्स पसीने और नमी को पानी के रूप में इस्तेमाल करते हैं

यह प्रक्रिया स्पेस में पानी की कमी को दूर करने में मददगार होती है