फांसी के वक्त क्या कर रहे थे भगत सिंह?

आज देश की आजादी के लिए अपने अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले भगत सिंह की आज जयंती है

भगत सिंह उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने देश को आजाद करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी

फांसी के वक्त भगत सिंह और उनके साथी बहुत ही शांत और दृढ़ थे

उन्होंने अपने आखिरी समय में भी हिम्मत नहीं हारी और मुस्कुराते हुए फांसी के फंदे को चूमा

भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए

उन्होंने अपनी आखिरी इच्छा के रूप में एक किताब पढ़ने की मांग की थी

भगत सिंह ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी अपने आदर्शों और सिद्धांतों को नहीं छोड़ा

उनकी बहादुरी और बलिदान ने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक अमर नायक बना दिया