दोहरी नागरिकता पर क्या कहता है भारत का संविधान?

दोहरी नागरिकता का मतलब है कि कोई व्यक्ति एक ही समय में दो देशों का नागरिक हो

दोहरी नागरिकता वाले लोगों के पास आम तौर पर दोनों देशों का वैध पासपोर्ट होता है

ऐसे में आइये अब जानते हैं कि भारत का संविधान दोहरी नागरिकता पर क्या कहता है

भारत का संविधान दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है

भारत में कोई भी व्यक्ति एक ही समय में दो देशों की नागरिकता नहीं रख सकता है

ऐसे में कोई भारतीय नागरिक किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है तो उसे भारतीय नागरिकता छोड़नी पड़ती है

हालांकि, भारत सरकार कुछ भारतीयों को भारत की विदेशी नागरिकता (OCI) प्रदान करती है

ओसीआई को लोग अक्सर दोहरी नागरिकता के रूप में रेफर करते हैं

इस प्रकार, भारत का संविधान और नागरिकता कानून दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देते हैं