वायु प्रदूषण एक विकराल समस्या बन गई है

इसकी वजह से दुनिया भर में मौतों और बीमारियों का आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा है

मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य भी प्रभावित हो रहा है

वायु प्रदूषण की वजह से हर साल दुनिया भर में 90 लाख से अधिक लोगों की मौत हो रही है

2016 की डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट के अनुसार भारत में वायु प्रदूषण से एक घंटे में करीब 12 मौतें होती हैं

बाहरी और घरेलू वायु प्रदूषण के कारण 2016 में पांच वर्ष से कम उम्र के 1,01,788 बच्चों की समय से पहले मृत्यु हो गई

घर के बाहर की हवा प्रदूषित होने से देश में हर घंटे लगभग सात बच्चे मरते हैं

भारत की औसत पार्टिकुलेट मैटर सांद्रता 2019 में 70.3 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर थी

जो दुनिया में सबसे अधिक है

वायु प्रदूषण न केवल फेफड़े बल्कि हृदय को भी प्रभावित करता है