किन कोर्ट में जा सकता है, तलाक का मामला पति और पत्नी के बीच के रिश्ते को कानूनी तौर पर खत्म करने को तलाक कहते हैं तलाक का प्रोसेस लंबा होता है और इसकी इजाजत कोर्ट से लेनी होती है इसके अलावा शादी के कम से कम 12 महीने बाद ही तलाक की अर्जी दी जा सकती है आइए आपको बताते है कि किन कोर्ट में जा सकता है तलाक का मामला हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत दोनों पक्ष के लोग जिला कोर्ट में अपनी डिक्री पेश कर सकते हैं इसके अलावा आमतौर पर तलाक के लिए लोग फैमिली कोर्ट में भी जाते हैं अगर किसी पक्ष को जल्दी तलाक चाहिए तो वह धारा 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता है हाल ही में तलाक के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है जिसमें अगर पति और पत्नी के बीच सुलह की कोई गुंजाइश न हो तो कोर्ट तलाक की मंजूरी दे सकता है