क्या स्पेस में जाकर दिमाग कमजोर हो जाता है?

अंतरिक्ष में जाने का मानव मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है

माइक्रोग्रैविटी के कारण मस्तिष्क में तरल पदार्थों का प्रवाह बदल जाता है

जिससे सिरदर्द और दृष्टि समस्याएं हो सकती हैं

लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में फैलाव देखा गया है

जिसे सामान्य होने में तीन साल तक का समय लग सकता है

अंतरिक्ष यात्रियों को मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ता है

क्योंकि वे अपने परिवार और दोस्तों से दूर रहते हैं

कॉस्मिक विकिरण और ज़ीरो ग्रैविटी के कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है

हालांकि, धरती पर लौटने के बाद उनकी सेहत धीरे-धीरे सामान्य हो जाती है.