चुनाव चिन्ह कैसे और किसे मिलता है? चुनावों में रजिस्टर्ड पार्टियों को पहले से चुनाव चिन्ह मिला होता है वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों को नॉमिनेशन प्रोसेस और चुनाव से कुछ दिन पहले यह चुनाव चिह्न मिल जाता है चुनाव आयोग को संविधान के आर्टिकल 324, रिप्रजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट 1951 के माध्यम से यह पावर मिलती है वहीं निर्वाचन आयोग The Election Symbols Order, 1968 के अनुसार क्षेत्रीय पार्टियों को चुनाव चिन्ह आवंटित करने की पावर मिलती है चुनाव आयोग चुनाव चिह्नों के लिए दो लिस्ट बनाकर रखता है जिसमें कुछ चिन्ह वह होते हैं जो पिछले कुछ साल में आवंटित हुए, जबकि दूसरी लिस्ट में ऐसे चिन्ह होते हैं जिनका आवंटन किसी को नहीं हुआ है वहीं चुनाव आयोग के पास रिजर्व में कम से कम 100 निशान होते हैं जो अब तक किसी को नहीं दिए गए हैं इनमें से ही किसी भी नए दल या फिर आजाद उम्मीदवार को चुनाव चिह्न दिया जाता है वहीं कोई दल अपना चुनाव चिह्न खुद आयोग को बताता है और वह चिन्ह किसी के पास नहीं है तो आयोग वह चिन्ह उस पार्टी को दे सकता है