अपने बालों को क्यों उखाड़ते हैं जैन धर्म के लोग? हमारे देश में कई धर्मों के लोग रहते हैं सभी धर्म अपनी-अपनी मान्यतायों के हिसाब से काम करते हैं उन्हीं धर्मो में से एक जैन धर्म भी है, जिनके साधु अपने बालों को उखाड़ते हैं आइए जानते हैं कि जैन लोग क्यों अपने बालों को उखाड़ते हैं जैन धर्म में साधु जीवन में बाल उखाड़ने को केशलोंच कहते हैं, जो कि एक कठिन तपस्या है केशलोंच को हर चार महीने में एक बार करना होता है, जैन धर्म में ऐसे करने से साधु के शरीर की सुंदरता का मोह खत्म हो जाता है मान्यता के मुताबिक जब साधु केशलोंच कर लेते हैं, तब आत्मा की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है इसके अलावा केशलोंच से साधु इस बात का परिचय भी देते हैं कि जैन धर्म कहने का नहीं सहने का धर्म है कई साधुओं का मानना है कि बाल उखाड़ना शरीर को कष्ट देना नहीं है, बल्कि शरीर की सबसे बड़ी साधना शक्ति की परीक्षा होती है