2100 तक कितने लोग रखेंगे शादी करने की चाह?

विशेषज्ञों का मानना है कि 2100 तक शादी की अवधारणा में बड़ा बदलाव आ सकता है

बदलते सामाजिक परिवेश और बढ़ते व्यक्तिवाद के कारण, शादी की परंपरा धीरे-धीरे खत्म हो सकती है

पहले शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता था

लेकिन अब तलाक और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे विकल्प बढ़ रहे हैं

युवा पीढ़ी करियर और व्यक्तिगत विकास पर अधिक ध्यान दे रही है

महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं

इसके साथ ही शादी के बंधन में बंधना नहीं चाहतीं

आर्थिक कारक भी शादी के प्रति आकर्षण को कम कर रहे हैं

अगर यही चलन जारी रहा, तो 2100 तक शादी की परंपरा लगभग खत्म हो सकती है.