प्लेन में पैदा हुए बच्चों का प्लेस ऑफ बर्थ क्या होता है?

Published by: एबीपी लाइव
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सामान्य तौर पर प्रेग्नेंसी के 9वें महीने में गर्भवती महिलाएं सफर करने से अक्सर बचती हैं

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भारत में 7 महीने या उससे अधिक समय से प्रेग्नेंट महिला को हवाई यात्रा करने की मंजूरी नहीं है

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हालांकि इमरजेंसी और कुछ स्पेशल केसेस में इसकी अनुमति दे दी जाती है

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ऐसे में फ्लाइट में ही कोई महिला बच्चे को जन्म दे देती है तो बच्चे का बर्थप्लेस क्या दर्ज किया जाएगा

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ऐसे मामलों में सबसे पहले सीमा देखने की जरूरत होती है कि फ्लाइट किस देश की सीमा में उड़ रही है

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इस दौरान बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट में उसी देश का नाम दर्ज किया जाता है

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जिस देश की सीमा के ऊपर उड़ने के दौरान बच्चे का जन्म हुआ है

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फ्लाइट के लैंड होने के बाद संबंधित देश की एयरपोर्ट अथॉरिटी से बच्चे के जन्म संबंधी सर्टिफिकेट लिए जा सकते हैं

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साथ ही बच्चे के पास यह अधिकार भी होता है कि उसे अपने माता-पिता के देश की नागरिकता भी मिल सके

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