यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी होने के बाद युवा आईएएस, आईपीएस अधिकारियों की ट्रेनिंग शुरू होती है

युवा अधिकारियों की ट्रेनिंग उत्तराखंड के मसूरी में होती है

सबसे पहले 4 महीने आईएएस आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों की एक साथ ही ट्रेनिंग होती है

जिसे फाउंडेशन कोर्स कहा जाता है

इस दौरान सभी को प्रशासन की बुनियादी बातों की जानकारी दी जाती है

मसूरी स्थित LBSNAA में ट्रेनी अधिकारियों को बेहद मामूली फीस भरनी पड़ती है

LBSNAA में ट्रेनी आईएएस-आईपीएस को हर महीने करीब 40 हजार रुपये स्टाइपेंड या सैलरी मिलती है

असल में सैलरी मिलती है 56000 रुपये महीने

लेकिन इसमें से मेस और हॉस्टल फीस सहित अन्य खर्च काटकर इनहैंड सैलरी करीब 40000 मिलती है

इस दौरान सभी ट्रेनी आईएएस अधिकारी केंद्रीय सचिवालय में असिस्टेंट सेक्रेटरी के तौर पर काम करते हैं