असम के गुवाहाटी से 330 किमी दूर जतिंगा गांव है

ये गांव हर साल सितंबर से नवंबर तक सुर्खियों में रहता है

जिसकी वजह पक्षियों की सामूहिक आत्महत्या है

ये पक्षी समय के साथ आत्महत्या करते हैं

यहां स्थानीय और प्रवासी पक्षी भी ऐसा करते हैं

इस वजह से जतिंगा की धरती डरावनी मानी जाती है

यहां पक्षियों के आत्महत्या करने की वजह का पता नहीं चला है

कुछ लोग ये जगह शापित मानते हैं

कुछ लोगों का मानना है कि यह चुंबकीय क्षेत्र है

हालांकि, इसकी सटीक वजह का अभी तक पता नहीं चली है