राजनीतिक दलों पर क्यों लागू नहीं होता पॉश एक्ट? देश में वर्कप्लेस पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिए साल 2013 में कानून बनाया गया था इसे पॉश एक्ट यानी प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट कहा जाता है इसकी धारा 3(1) में कहा गया है कि कोई भी महिला कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का शिकार न हो यह एक्ट काम करने की सभी जगहों पर लागू होता है, वो भी तब पीड़ित महिला हो हालांकि, यह एक्ट भारत की राजनीतिक पार्टियों पर लागू नहीं होता है ऐसे में आइए आज हम आपको बताते हैं कि राजनीतिक दलों पर पॉश एक्ट लागू क्यों नहीं होता राजनीतिक दलों के मामले में अदालत ने माना कि यहां पर एम्प्लॉयर-एम्प्लॉयी का रिश्ता नहीं होता है इसके अलावा न ही राजनीतिक पार्टियां किसी संस्थान या कंपनी का हिस्सा होती हैं, जो पॉश अधिनियम के तहत आ सकें इस तरह से कोर्ट ने माना कि राजनीतिक दल कोई आंतरिक शिकायत समिति बनाने के लिए जवाबदेह नहीं हैं