क्या होता है प्रत्यर्पण, क्या इसे मानना होता है जरूरी? प्रत्यर्पण एक कानूनी प्रक्रिया होती है जिसमें एक देश में व्यक्ति अपराध करके दूसरे देश में भगोड़े की तरह भाग कर रहता है इसमें प्रत्यर्पण के माध्यम से उस व्यक्ति को वापस उस देश को सौंपा जाता है जहां उसने अपराध किया है प्रत्यर्पण का मकसद, अपराधियों को उनके अपराधों के लिए दंडित करना होता है प्रत्यर्पण के लिए दो देशों के बीच एक प्रत्यर्पण संधि होनी जरूरी होता है भारत में प्रत्यर्पण प्रक्रिया को दो श्रेणियों में बांटा गया है जो घरेलू कानून और द्विपक्षीय संधियों दोनों के अंतर्गत आती है भारत में प्रत्यर्पण प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाला घरेलू कानून प्रत्यर्पण अधिनियम 1962 है वहीं भारत के पास लगभग 48 देशों के साथ प्रत्यर्पण समझौते हैं