हिंदू धर्म में शादियों के अपने रीति रिवाज होते हैं मेहंदी से लेकर सात फेरे लेने तक कई रस्में निभाई जाती हैं इसमें एक रस्म ऐसी थी जिसमें मां अपने बेटे की शादी में नहीं जाती कहा जाता है ये परंपरा मुगल काल से शुरू हुई थी इस शासन काल में महिलाओं के बेटे की शादी में जाने पर घर में लूटपाट हो जाती थी इसी कारण महिलाएं घर में रहकर रखवाली करती थीं सभी महिलाएं मिलकर शादी की रात में ढोलक बजाकर गीत गाती थीं इसके अलावा बहू के ससुराल आने पर कई रस्में होती थीं इन सभी रस्मों को मां ही पूरा कराती थीं ये भी एक वजह है जिसके कारण मां बेटे की शादी में नहीं जाती