भारतीय नस्ल की बकरी की उम्र 7 से 9 साल होती है और अरबी नस्ल की बकरियां 10 से 12 साल जीती हैं
बकरियों के निचले जबड़े में 8 आगे के दांत होते हैं
बकरी की आयु के अनुसार दन्त विन्यास में परिवर्तन होता है
लगभग 4 वर्ष की आयु तक इनके सभी दांत आ जाते हैं
बकरी समूहों में अधिकांश मृत्यु दर, संक्रामक, परजीवी अथवा पोषण संबंधित रोगों के कारण होती है संक्रामक रोग, जीवाणु, विषाणु माइकोप्लाज्मा, प्रोटोजोआ और फंफूदी जनित होते हैं
इसके बाद आगे के दांतों का हिलना व टूटना शुरू हो जाता है
बकरियाँ दिन में केवल पाँच घंटे सोती हैं
गाभीन बकरियों को गर्भावस्था के अन्तिम डेढ़ महीने में चराने के अतिरिक्त कम से कम 200 ग्राम दाना का मिश्रण अवश्य दें
कुछ जानवरों को सिर्फ़ चारे की खुराक से ही काफी लाभ होगा लेकिन दूसरों को अभी भी अतिरिक्त मदद की ज़रूरत हो सकती है